ABOUT UMANG...

  • DISHA in non-profit trust with a mission to provide from the fundamental right of education
  • In 2013, we started Umang Pathshala, a school for the students belonging to a special community “Dakot” who survive their livelihood through begging in town on Saturday and Tuesday
  • Now, DISHA is taking an initiative & going to start a formal primary school “UMANG”– A Democratic School based on alternative education
  • Through this initiative, we are taking a step towards improving quality of education and giving a chance to those who are deprived yet

  • Tuesday 25 July 2017

    रचनात्मक स्वयंसेवी वैब डिजाईनर की तलाश

    उमंग को तलाश है एक रचनात्मक स्वयंसेवी वैब डिजाईनर की

    प्रिय साथियो,
    आपमें से काफी साथी शायद ये जानते होंगे कि उमंग पाठशाला पिछले पांच सालों से जन सहयोग से चल रहा है। 32 अनाथ बच्चों से शुरू हुए इस छोटे से प्रयोग ने धीरे-धीरे एक वैकल्पिक स्वरूप लेना शुरू कर दिया है। उमंग अब अपने 6वें वर्ष में 130 बच्चों के साथ नए तरीकों के साथ शिक्षा के काम में संलग्न है। उमंग उन बच्चों के लिए भी रोशनी की किरण साबित हो रहा है जो पढाई से निराश हो चुके हैं। ये बच्चे कक्षाएं तो पास करते हैं परन्तु पढने-लिखने की सामर्थ्य हासिल नहीं कर पाते। इस सत्र में भी अब तक 10 से 17 साल की उम्र के 18 ऐसे बच्चे आ चुके हैं जिन्हें हिन्दी पढना-लिखना नहीं आता। उमंग भला इन्हें कैसे निराश करता, इनमें से कुछ बच्चों ने पढना सीख लिया है, कुछ अभी सीख रहे हैं। ऐसे ही और कईं सारे नए प्रयोग हो रहे हैं जो सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को इस तरह आयोजित करते हैं कि बच्चों के चेहरों पर खुशियां रहें।

    ये सारी बातें जब हम दूसरों से साझा करते हैं तो इस दौरान काफी सुझाव आए हैं कि उमंग को अपनी एक वैबसाईट का निर्माण करना चाहिए, जिसमें उमंग के बारे में विस्तार से जानकारियां हों। जिमसें इसके दर्शन, टीम, गतिविधियों, उनको आयोजित कराने के तरीकों और भविष्य की योजनाओं आदि का विस्तार से विवरण दिया गया हो। यदि वैबसाईट का निर्माण होता है तो शिक्षा के इस प्रयोग से अन्य व्यक्तियों एवं संस्थाएं को जुडने एवं एक-दूसरे को समझने में मदद मिलने की संभावनाएं बढेंगी। अत: हम वैबसाईट के निर्माण के बारे में सोचने लगे हैं।

    परन्तु जैसा कि पहले कहा गया है कि उमंग के सारे क्रियाकलाप जन सहयोगसे संचालित हैं और अभी तक किसी भी तरह की कोई दूसरी फंडिंग नहीं है। बच्चों से भी किसी तरह की फीस ली जाती तथा उन्हें पढने-लिखने की सारी सामग्री उमंग द्वारा ही उपलब्ध करवाई जाती है। अत: इसी पृष्ठभूमि में हम उन साथियों से सहयोग करने की अपील करना चाहते हैं जो वैबसाईट डिजाईन करने की काबलियत रखते हैं और उमंग की वैबसाईट डिजाईन करने के काम में वालंटियर ही हैसियत से नेतृत्वकारी भूमिका अदा करने का हौंसला भी। हम ऐसे साथियों का स्वागत करते हैं।


    आप सब साथियों से आग्रह है कि इस संदेश को शेयर करके कोई कुशल वैबसाईट डिजाईनर ढूंढने में सहयोग करें -  उमंग पाठशाला टीम 

    Monday 2 March 2015

    शिक्षा और समाज

    साथियों,
    आज हमारा समाज शिक्षा के मौजूदा हालात को लेकर गहरी चिंता में है। हम सभी समाज के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा के क्षेत्र में साकारात्मक बदलाव चाहते हैं। इसी समझदारी के साथ दिशा ट्रस्ट उमंग नाम से वैकल्पिक शिक्षा पर आधारित शिक्षण केंद्र की शुरुआत कर रहा है। इस सपने को साकार करने की मुहीम में हम सब को आमंत्रित करते हैं
    शिक्षा और समाज
    आज शिक्षा के बाजार में आर्थिक हैसियत के अनुसार ही शिक्षा, स्कूल व सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। यदि किसी के पास शिक्षा पर खर्च करने के लिए धन नहीं है तो उन बच्चों को शिक्षा हासिल करने के लिए सरकारी स्कूलों का रुख करना पड़ता है यानि सरकारी स्कूल बेबस और निर्धन बच्चों के शिक्षा केंद्र बन कर रह गए है। जबकि सभी को बेहतर शिक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेवारी होनी चाहिए। वहीं दूसरी और अथाह धन लुटा कर प्राइवेट स्कूलों में कैसी शिक्षा दी जा रही है, उस से भी हम सब परिचित है। हम जो शिक्षा दे रहे हैं उसकी तस्वीर हमारे आज के हालात बखूबी ब्यां कर रहे हैं। जैसी हमारी शिक्षा व्यवस्था है वैसा ही समाज हमें देखने को मिल रहा है। आज अच्छी से अच्छी शिक्षा और नौकरी मिलने के बाद भी तनाव, सामाजिक रिश्तों में गैर-ईमानदारी या रिश्तों की सही समझ ना होना, पढ़े-लिखे युवाओं का छेडख़ानी व बलात्कार सहित बहुत से अपराधों में संलप्ति होना, जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, सांप्रदायिकता, लैंगिक भेदभाव, लड़ाई-झगड़े जैसे बहुत से मुद्दे ऐसे है, जिनमें पढ़े-लिखे लोग अक्सर शामिल रहते हैं। युवाओं में तेजी से नशा करने की संस्कृति हावी होती जा रही है, जिस से स्कूली विद्यार्थी भी अछूते नहीं है।कुल मिलाकर अगर हम ये कहें कि हमारी अंक आधारित किताबी शिक्षा पद्धति हमें इतना भी सिखा पाने में सफल नहीं हो पाई है कि एक सभ्य समाज में जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र और लिंग के आधार पर बंटवारे की सोच की कोई जगह नहीं है। वर्तमान शिक्षा वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करने की बजाए हमें डिग्री धारक शिक्षित हिंदू, मुस्लिम, सिख या इसाई तो बना रही है किंतु सब से प्यार करने वाला, महिलाओं की या अपने से भिन्न मत का सम्मान करने वाला अच्छा इंसान बना पाने में नाकाम साबित हो रही है। अगर हम चाहते है कि हमारी वर्तमान सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक दशा ठीक हो और हमारा समाज भविष्य की सभी चुनौतियों का डटकर मुकाबला करें और उन्हें सफलतापूर्वक हल भी करें तो हमारी शिक्षा व्यवस्था को सृजनात्मक शैक्षणिक माहौल एवं विद्यार्थियों का निमार्ण करने के लिए संकल्पित होना होगा।

    आपका सहयोग

    आपका सहयोग
    समाज को आगे ले जाने की कोई भी पहल बिना जनता के सहयोग के पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सकती। समाज में यदि सभी को शिक्षा या रोजगार के समान अवसर नहीं मिले हैं तो उसके लिए हमारी आर्थिक व् सामाजिक व्यवस्था ही जिम्मेवार होती है। इसलिए शिक्षा जैसे बेहद महतवपूर्ण अधिकार से वंचित बच्चों को अच्छी शिक्षा और जीवन के सभी अधिकार उपलब्ध करवाने की जिम्मेवारी भी पूरे समाज की होनी चाहिए। दिशा पिछले तीन सालों से उमंग पाठशाला के माध्यम से बेहद गरीब तबके के बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास कर रही है। इसके साथ ही दिशा की अन्य सामजिक गतिविधियों से भी आप सभी परिचित हैं। दिशा को अपनी हर गतिविधि में आप सभी का पुरजोर सहयोग मिला है। आप के इसी प्यार और सहयोग के चलते दिशा द्वारा 100 लड़कियों को शिक्षित करने के लिए उमंग लर्निंग सेंटर शुरू करने का निर्णय लिया गया है। हम अपने इस मानवीय और सामाजिक कर्तव्य को निभाने के लिए बेहद उत्साहित हैं, जिसके लिए आप से सामाजिक और आर्थिक सहयोग की आशा रखते है। आइये हम सब शिक्षा के माध्यम से इस सामाजिक परिवर्तन की मुहीम का हिस्सा बने।

    उमंग

    उमंग 
    आज शिक्षा के मौजूद स्वरुप को बदलने के लिए देश के विभिन्न भागों में बहुत से प्रयास किये जा रहे है। एकलव्य, आधारशिला व दिगान्तर जैसे ऐसे बहुत से संस्थान है, जहाँ शिक्षा के केंद्रमें बच्चे रहते है ना कि कोरा ज्ञान।ये सभी संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में साकारात्मक बदलाव लाने के प्रयासों में जुटे हैं। उमंग भी शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे बदलावों का पक्षधर है, जो बच्चों को ख़ुशी और आज़ादी के साथ शिक्षा हासिल करने के समान अवसर दे सके। इसके साथ ही बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं व्यवहारिक जीवन कौशल को समझने की कला को विकसित कर सके। ताकि ये बच्चे समाज में आत्मसम्मान और अपनी विशिष्ठ पहचान के साथ ज़िन्दगी को बेहतर मायनों में जी सके।

    Sunday 1 March 2015

    Umang: A Democratic School

    Dear Friends ,
    Disha trust is starting a school in the name of Umang: A Democratic School at Ganaur Distt.Sonipat Haryana for 100 girls from grade 1 to 5 on 29nd March 2015.The school aims at alternative education which will enhance the overall development of the child. We at Umang are creating a happy and healthy learning environment for children. Children will be encouraged to think innovatively and analyse critically.
    The methodology used will be Drama In Education 
    For more details please email us with your resume to umangharyana@gmail.com or

    call us @
    +91-9416195588
    +91-9315139936